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सत्य

पंचम अध्याय नीति : 19

सत्य

चाणक्य नीति के पंचम  अघ्याय के उन्नीसवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परमात्मा को ही सत्य कहा जाता है। सत्य से ही पृथ्वी टिकी हुई है। सत्य से ही सूर्य तपता है। सत्य से ही वायु बहते हैं। यह सारा संसार सत्य के कारण ही काम करता है। सत्य ही सबका आधार है।

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