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सबसे बड़ा सुख

नवम अध्याय नीति: 4

सबसे बड़ा सुख

चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के चौथी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि औषधियों में गिलोय महत्वपूर्ण है। भोजन करने और उसे पचाने की शक्ति सदा बनी रहे यही सबसे बड़ा सुख है। हाथ, कान, नाक आदि सभी इन्द्रियों में आंखे सबसे आवश्यक है। सिर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है।

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