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सुनना भी चाहिए

षष्ठम अध्याय नीति : 1

सुनना भी चाहिए

चाणक्य नीति के  षष्ठम अघ्याय के  प्रथम नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को सुनकर ही अपने धर्म का ज्ञान होता है। सुनकर ही मनुष्य दु​बुद्धि का त्याग करता है। सुनकर ही उसे ज्ञान प्राप्त होता है और सुनकर ही मोक्ष मिलता है।

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