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सूरत से सीरत भली

तृतीय अध्याय नीति :3-9

सूरत से सीरत भली

चाणक्य नीति के तृतीय अध्याय के नौवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोयल का रूप उसका स्वर है, पतिव्रता होना स्त्रियों की सुंदरता है। कुरूप लोगों का ज्ञान ही उनका रूप है, साधु पुरूष का क्षमा भाव ही उनका रूप है।

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