प्रथम अध्याय, नीति:1.3
राजनीति जन कल्याण के लिए
चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के तीसरे नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि राजनीति जनकल्याण के लिए करनी चाहिए। इसलिए वे लोक कल्याण की ईच्छा से राजनीति के सारे सिद्धातों को प्रस्तुत किया है। जिसे जानकर व्यक्ति राजनीतिज्ञ बन सकता है एवं राजनीति के सारे गुर सीख सकता है।