Skip to content

मन के विचार को गुप्त रखना चाहिए

द्वितीय अध्याय नीति :2.7

मन के विचार को गुप्त रखना चाहिए

चाणक्य नीति के द्वितीय अध्याय के सातवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मन में जो भी काम करने का विचार हो उसे मन में रखना चाहिए यानि गुप्त रखना चाहिए, किसी को बताना नहीं चाहिए। मंत्र के समान गोपनीय रखकर काम कर देना चाहिए। इसके पीछे कारण यह है अगर काम चल रहा हो और उसे सबको बता दिया जाए तो हो सकता है कि काई दुश्मन काम में बाधा डाल दें या किसी कारणवश काम पूरा न हो सकेगा तो जग हँसाई होगी। अत: मन की बात या कार्य—योजना, काम पूरा होने के पहले सबके सामने प्रकट नहीं करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *