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जो सामने नहीं हो उससे क्या लगाव

पंचम अध्याय नीति : 18

जो सामने नहीं हो उससे क्या लगाव

चाणक्य नीति के पंचम  अघ्याय के अठारहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि निर्धन व्यक्ति धन की कामना करते हैं। चौपाया अथवा पशु बोलने की शक्ति चा​हते हैं। मनुष्य स्वर्ग की कामना करते हैं और स्वर्ग में रहनेवाले देवता मोक्ष प्राप्ति की इच्छा करते हैं। इस प्रकार संसारिक प्राणी के पास जो है उसका महत्व नहीं देकर वे हमेशा जो उनके पास नहीं है उसकी कामना करते हैं।

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