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जैसा अन्न वैसा संतान

अष्टम अध्याय नीति:3

जैसा अन्न वैसा संतान

चाणक्य नीति केअष्टम अघ्याय के तीसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति जैसा भोजन करता है, वैसी ही उसकी संतान भी पैदा होती है। सात्विक भोजन करने से संतान भी योग्य और बुद्धिमान होगी तामसी भोजन से मूर्ख संतान ही पैदा होगी। दीपक अंधकार को खाता है और काजल पैदा करता है।

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