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इनसे शोभा बढ़ती है

अष्टम अध्याय नीति : 15

इनसे शोभा बढ़ती है

चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के पंद्रहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुणवान व्यक्ति के गुण ही उसकी सुंदरता होते हैं। अच्छा आचरण कुल का नाम उँचा करके उसकी सुंदरता बढ़ाता है। किसी भी विषय विद्या में निपुणता प्राप्त करने पर ही विद्या सार्थक होती है। यही विद्या की शोभा है। धन का भोग करना ही धन की शोभा है।

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