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घर में ही त्रिलोक का सुख

दशम अध्याय नीति : 14

घर में ही त्रिलोक का सुख

चाणक्य नीति के दशम अघ्याय के चौदहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस मनुष्य की मां का गुण लक्ष्मी के समान तथा पिता भगवान विष्णु की तरह सबका कल्याण करनेवाला हो, भाई—बंधु विष्णु के भक्त हों, उस मनुष्य को तीनों लोकों का सुख इसी संसार में मिल जाते हैं।

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