त्रयोदश अध्याय नीति: 17
पूर्व—जन्म
चाणक्य नीति के त्रयोदश अघ्याय के सतरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यद्यपि मनुष्य को फल कर्म के अनुसार मिलता है और बुद्धि भी कर्म के अधीन है। तथापि बुद्धिमान व्यक्ति विचार करके ही काम करता है।
त्रयोदश अध्याय नीति: 17
पूर्व—जन्म
चाणक्य नीति के त्रयोदश अघ्याय के सतरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यद्यपि मनुष्य को फल कर्म के अनुसार मिलता है और बुद्धि भी कर्म के अधीन है। तथापि बुद्धिमान व्यक्ति विचार करके ही काम करता है।