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मीठी वाणी

चतुर्दश अध्याय नीति : 10

मीठी वाणी

चाणक्य नीति के चतुर्दश अघ्याय के दसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिससे अपना कोई कल्याण करना हो, उसके सामने सदा मीठा बोलना चाहिए। बहेलिया भी हिरन को मारते समय सुंदर स्वर में गीत गाता है।

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