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ब्राह्मण को मान दें

पंचदश अध्याय नीति: 13

ब्राह्मण को मान दें

चाणक्य नीति के पंचदश अघ्याय के तेरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भवसागर में यह विपरीत चलनेवाली ब्राह्मण रूपी नौका धन्य है। इसे नीचे रहनेवाले तो तर जाते हैं, किंतु उपर बैठे हुए नीचे गिर जाते हैं।

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