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पुण्य से यश

पंचदश अध्याय नीति : 19

पुण्य से यश

चाणक्य नीति के पंचदश अघ्याय के उन्नीसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक छोटे से पर्वत को कृष्ण हाथों से आसानी से उठा लिया। केवल इसी से उनको स्वर्ग तथा पृथ्वी में गोवर्धन कहा जाता है। वे तीनों लोकों को धारण करनेवाले हैं और गोपी उनको अपने स्तनों के अगले भाग में उठा लेती है। किंतु उनके इस काम को कहीं कोई गिनती नहीं है। सच ही कहा है कि व्यक्ति को यश भी उनके पुण्यों या अच्छे कामों से ही मिलता है।

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