लज्जा—संकोच कब नहीं करना चाहिए
सप्तम अध्याय नीति : 2 लज्जा—संकोच कब नहीं करना चाहिए चाणक्य नीति के सप्तम अघ्याय के दूसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी को धन उधार देते समय किसी से लेते समय या… लज्जा—संकोच कब नहीं करना चाहिए
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चतुर्थ अध्याय नीति : 15 ज्ञान का अभ्यास निरंतर करते रहना चाहिए चाणक्य नीति के चतुर्थ अघ्याय के पंद्रहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान को स्थायी एवं उपयोगी बनाए रखने के लिए… ज्ञान का अभ्यास निरंतर करते रहना चाहिए