नवम अध्याय नीति :10
आडंबर भी आवश्यक है
चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के दसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि चाहे सांप में विष हो या न हो, इसे कौन जानता है किंतु फन उठाये हुए सांप को देखकर लोग डर अवश्य जाते हैं। विषहीन सांप को भी अपनी रक्षा के लिए फन फैलाना पड़ता है। समाज में जीवित रहने के लिए व्यक्ति को कुछ दिखावा या क्रोध भी करना पड़ता है।