जब हिम्मत करे इंसान । तब सहायता करे भगवान।। दोस्तो आप सबने शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर का नाम तो अवश्य सुना
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आदत सुधारें, जीवन सुधारें
यह दोहा तो आपलोग अवश्य सुने होंगे— करत—करत अभ्यास जड़मति होत सुजान। रसरी आवत—जात है सिल पर पड़े निशान। मतलब जिस प्रकार एक मुलायम रस्सी
किस्मत बदलना हो तो संगति बदलिए
जीवन चलने का नाम है। आपने यह अवश्य सुना होगा। यहाँ चलने का मतलब प्रगति यानि विकास से है, न कि एक जगह से दूसरे
मर्दन से गुण बढ़ते हैं
नवम अध्याय नीति : 13 &14 मर्दन से गुण बढ़ते हैं चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के तेरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि
सौंदर्य की हानि
नवम अध्याय नीति : 12 सौंदर्य की हानि चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के बारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपने हाथ से
महापुरूषों को जीवन
नवम अध्याय नीति : 11 महापुरूषों को जीवन चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के ग्यारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि महापुरूषों या विद्वानों
आडंबर भी आवश्यक है
नवम अध्याय नीति :10 आडंबर भी आवश्यक है चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के दसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि चाहे सांप में
इनसे डरना नहीं चाहिए
नवम अध्याय नीति : 9 इनसे डरना नहीं चाहिए चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के नौवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति
इनसे कोई हानि नहीं
नवम अध्याय नीति : 8 इनसे कोई हानि नहीं चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के आठवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वेदों का
इन्हें जगाएं नहीं
नवम अध्याय नीति :7 इन्हें जगाएं नहीं चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के सातवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि सांप, राजा, शेर,
इन्हें सोने न दें
नवम अध्याय नीति : 6 इन्हें सोने न दें चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के छठी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थी को,नौकर
विद्या का सम्मान
नवम अध्याय नीति : 5 विद्या का सम्मान चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्वान लोग पहले
सबसे बड़ा सुख
नवम अध्याय नीति: 4 सबसे बड़ा सुख चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के चौथी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि औषधियों में गिलोय महत्वपूर्ण
विडंबना
नवम अध्याय नीति : 3 विडंबना चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के तीसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सोना कीमती धातु है पर
दुष्ट का नाश
नवम अध्याय नीति : 2 दुष्ट का नाश चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के दूसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो दुष्ट पहले
मोक्ष
नवम अध्याय नीति : 1 मोक्ष चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के पहली नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि मनुष्य मोक्ष चाहता है
इनसे हानि ही होती है
अष्टम अध्याय नीति : 22 इनसे हानि ही होती है चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के बाइसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस
दुर्गुणों का दुष्प्रभाव
अष्टम अध्याय नीति : 18 दुर्गुणों का दुष्प्रभाव चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के अठारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि असंतुष्ट ब्राह्मण तथा
इन्हें शुद्ध समझना चाहिए
अष्टम अध्याय नीति : 17 इन्हें शुद्ध समझना चाहिए चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के सतरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भूमिगत जल
दुर्गुण सदगुणों को नष्ट कर देती है
अष्टम अध्याय नीति : 16 दुर्गुण सदगुणों को नष्ट कर देती है चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के सौलहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं
इनसे शोभा बढ़ती है
अष्टम अध्याय नीति : 15 इनसे शोभा बढ़ती है चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के पंद्रहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुणवान व्यक्ति
संतोष बड़ी चीज है
अष्टम अध्याय नीति : 14 संतोष बड़ी चीज है चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के चौदह नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि क्रोध मनुष्य
शांति ही तपस्या है
अष्टम अध्याय नीति : 13 शांति ही तपस्या है चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के तेरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शांति के
भावना में ही भगवान है
अष्टम अध्याय नीति : 11—12 भावना में ही भगवान है चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के ग्यारहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वैसे
शुभ कर्म करें
अष्टम अध्याय नीति : 10 शुभ कर्म करें चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के दसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि देवता का वास
विडम्बना
अष्टम अध्याय नीति : 9 विडम्बना चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के नौवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुढ़ापे में पत्नी की मृत्यु,
ज्ञान को व्यवहार में लाना चाहिए
अष्टम अध्याय नीति : 8 ज्ञान को व्यवहार में लाना चाहिए चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के आठवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि
पानी एक औषधि
अष्टम अध्याय नीति :7 पानी एक औषधि चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के सातवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भोजन न पचने पर
स्नान से शुद्धता
अष्टम अध्याय नीति: 6 स्नान से शुद्धता चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के छठी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शरीर में तेल की
धन का सुदपयोग
अष्टम अध्याय नीति: 5 धन का सुदपयोग चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुणी लोगों को ही