चतुर्थ अध्याय नीति : 12
कब कितनों के साथ रहें
चाणक्य नीति के चतुर्थ अघ्याय के बारहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि तप में अकेले, पढ़ने में दो, गाने में तीन, जाते समय चार, खेत में काम करते समय पाँच तथा युद्ध में अनेक व्यक्तियों का साथ होने चाहिए। यानि तपस्या व्यक्ति को अकेले करना चाहिए। पढ़ते समय दो हो तो अच्छा है। गाना गाते समय तीन का साथ अच्छा रहता है। कहीं यदि पैदल जा रहे हों तो चार व्यक्ति अच्छा रहता है। खेत में काम करते समय पाँच व्यक्ति अच्छा रहता है। युद्ध में जितने अधिक सेना हों, उतना ही अच्छा है।