पंचम अध्याय नीति : 17
प्रियतम वस्तु
चाणक्य नीति के पंचम अघ्याय के सतरहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बादल के जल के समान कोई जल नहीं होता। अपने बल के समान कोई बल नहीं होता। आँखों के सामन कोई रोशनी नहीं होती और अन्न यानि भोजन प्रत्येक प्राणी का सबसे प्रिय होती है।