षष्ठम अध्याय नीति : 11
शत्रु कौन
चाणक्य नीति के षष्ठम अघ्याय के ग्यारहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुत्र के लिए कर्जा छोड़ जाने वाला पिता शत्रु के समान होता है। बदचलन माँ भी संतान के लिए शत्रु के समान होती है। अधिक रूपवती पत्नी एवं मूर्ख पुत्र भी शत्रु के समान ही होता है।