षष्ठदश अध्याय नीति : 1
संतान
चाणक्य नीति के षष्ठदश अघ्याय के पहली नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो मनुष्य न तो मोक्ष पाने के लिए परमात्मा का ध्यान करता है न स्वर्ग पाने के लिए धर्म करता है और न स्त्री के साथ संभोग करता है। ऐसे मनुष्य को जन्म देकर मां सुखी नहीं होती।